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IIRF Rankings 2025: भारत के टॉप सरकारी लॉ कॉलेजों की सूची जारी, NLSIU बेंगलुरु लगातार शीर्ष पर
इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (IIRF) ने वर्ष 2025 के लिए भारत के टॉप सरकारी लॉ कॉलेजों की सूची जारी कर दी है। इस रैंकिंग में नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU), बेंगलुरु ने एक बार फिर पहला स्थान हासिल किया है। दूसरे स्थान पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU), नई दिल्ली और तीसरे स्थान पर NALSAR यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद को जगह मिली है । यह रैंकिंग शैक्षणिक गुणवत्ता, प्लेसमेंट, शोध, इंडस्ट्री कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण जैसे कई मानकों पर आधारित है।

टॉप 25 सरकारी लॉ कॉलेजों की सूची (IIRF 2025)
रैंक | कॉलेज का नाम | स्थान |
1 | नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (NLSIU) | बेंगलुरु, कर्नाटक |
2 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) | नई दिल्ली |
3 | द वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूडिशियल साइंसेज (WBNUJS) | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
4 | NALSAR यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ | हैदराबाद, तेलंगाना |
5 | गवर्नमेंट लॉ कॉलेज | मुंबई, महाराष्ट्र |
6 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | जोधपुर, राजस्थान |
7 | गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (GNLU) | गांधीनगर, गुजरात |
8 | डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
9 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | कटक, ओडिशा |
10 | नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (NLIU) | भोपाल, मध्य प्रदेश |
11 | राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ | पटियाला, पंजाब |
12 | नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज (NUALS) | कोच्चि, केरल |
13 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | रांची, झारखंड |
14 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | गुवाहाटी, असम |
15 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | त्रिपुरा |
16 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश |
17 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | शिलांग, मेघालय |
18 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु |
19 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | नागपुर, महाराष्ट्र |
20 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | हिमाचल प्रदेश |
21 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | सिक्किम |
22 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | उत्तराखंड |
23 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | अरुणाचल प्रदेश |
24 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | मणिपुर |
25 | नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी | गोवा |
(सूची IIRF और अन्य प्रमुख शैक्षणिक स्रोतों से संकलित, क्रम में मामूली अंतर संभव)
क्यों NLSIU है भारत का नंबर 1 लॉ कॉलेज?
NLSIU, बेंगलुरु न केवल IIRF बल्कि NIRF और EducationWorld जैसी अन्य प्रतिष्ठित रैंकिंग्स में भी लगातार शीर्ष पर रहा है। इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:
- शैक्षणिक उत्कृष्टता: NLSIU में देश के सर्वश्रेष्ठ फैकल्टी और रिसर्च संसाधन उपलब्ध हैं।
- प्लेसमेंट: यहां के छात्रों को देश-विदेश की नामी लॉ फर्म्स, कॉर्पोरेट्स और न्यायिक सेवाओं में शानदार प्लेसमेंट मिलते हैं।
- रिसर्च एवं नवाचार: NLSIU का अनुसंधान, केस स्टडी, और कानूनी नवाचार में अग्रणी स्थान है।
- इंडस्ट्री कनेक्शन: कॉलेज के उद्योग जगत से मजबूत संबंध हैं, जिससे छात्रों को इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के बेहतरीन अवसर मिलते हैं।
- इंटरनेशनल अप्रोच: NLSIU के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मूट कोर्ट, एक्सचेंज प्रोग्राम और ग्लोबल नेटवर्किंग के अवसर मिलते हैं।
रैंकिंग के मानदंड
IIRF और अन्य रैंकिंग एजेंसियां कॉलेजों को निम्नलिखित प्रमुख मानकों पर आंकती हैं:
- शिक्षण, लर्निंग एवं संसाधन
- शोध और प्रोफेशनल प्रैक्टिस
- ग्रेजुएशन आउटकम्स (प्लेसमेंट, उच्च शिक्षा)
- इंडस्ट्री कनेक्शन
- अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण
- फैकल्टी की गुणवत्ता
- छात्रों की विविधता और समावेशिता
भारत में लॉ शिक्षा का महत्व
भारत में कानूनी शिक्षा का महत्व तेजी से बढ़ा है। आज के दौर में कानून का अध्ययन केवल वकालत तक सीमित नहीं है, बल्कि कॉर्पोरेट, न्यायिक, प्रशासनिक, नीति निर्माण, मानवाधिकार, अंतरराष्ट्रीय कानून, और नई तकनीकों के क्षेत्र में भी लॉ ग्रेजुएट्स की जबरदस्त मांग है। टॉप सरकारी लॉ कॉलेजों से पढ़े छात्र देश की न्यायपालिका, प्रशासनिक सेवाओं, नीति निर्माण, कॉर्पोरेट सेक्टर और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में नेतृत्व कर रहे हैं।
प्रवेश प्रक्रिया
अधिकांश टॉप सरकारी लॉ कॉलेजों में प्रवेश के लिए CLAT (Common Law Admission Test) अनिवार्य है। हर साल लाखों छात्र CLAT परीक्षा देते हैं, जिनमें से बहुत कम को ही इन प्रतिष्ठित संस्थानों में जगह मिलती है। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन और अकादमिक रिकॉर्ड भी अहम भूमिका निभाते हैं।
IIRF रैंकिंग 2025 के अनुसार, भारत के टॉप सरकारी लॉ कॉलेजों में NLSIU, बेंगलुरु का दबदबा बरकरार है। इसके बाद NLU, दिल्ली और NALSAR, हैदराबाद हैं। ये संस्थान न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता बल्कि प्लेसमेंट, शोध, और वैश्विक दृष्टिकोण में भी अव्वल हैं। यदि आप कानून के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो इन टॉप कॉलेजों में प्रवेश पाना आपके भविष्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
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भारतीय छात्रों के लिए सुनहरा अवसर: यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम इंडिया चांसलर स्कॉलरशिप 2025-26

यूनाइटेड किंगडम की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम ने भारतीय छात्रों के लिए India Chancellor’s Scholarships 2025-26 की घोषणा की है। इस स्कॉलरशिप के तहत 15 चुने हुए भारतीय छात्रों को पोस्टग्रेजुएट पढ़ाई के लिए £6,000 (लगभग ₹6,50,772) की ट्यूशन फीस सहायता दी जाएगी।
पात्रता मानदंड
- आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम के सितंबर 2025 से शुरू होने वाले full-time taught postgraduate programme में एडमिशन ऑफर प्राप्त होना चाहिए।
- ऑफर में दी गई सभी शैक्षणिक शर्तें पूरी करनी होंगी।
- आवेदक को overseas fee payer के रूप में वर्गीकृत किया गया हो।
- स्कॉलरशिप के बाद शेष ट्यूशन फीस भरने की क्षमता होनी चाहिए।

स्कॉलरशिप किन पाठ्यक्रमों के लिए नहीं है?
- MBChB (बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी)
- Master of Engineering, Master in Science
- Master of Pharmacy (MPharm)
- M.Phil., MRes, MMus, M.Litt
- PGDip, PGCert (डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स)
- डिस्टेंस लर्निंग कोर्स
आवेदन प्रक्रिया
- Buddy4Study या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर ‘Apply Now’ पर क्लिक करें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें या लॉग इन करें।
- यूनिवर्सिटी के पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए आवेदन करें।
- ऑफर लेटर मिलने के बाद ही स्कॉलरशिप के लिए आवेदन लिंक मिलेगा।
- £2,000 की डिपॉजिट राशि समय पर जमा करें (नामांकन के बाद वापसी का अनुरोध किया जा सकता है)।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज़
- वैध पासपोर्ट/वीजा
- मान्यता प्राप्त डिग्री प्रमाणपत्र
- यूनिवर्सिटी का ऑफर लेटर
चयन प्रक्रिया
- शैक्षणिक योग्यता और पात्रता के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग।
- अंतिम चयन ऑनलाइन इंटरव्यू के जरिए होगा।
महत्वपूर्ण नियम और शर्तें
- स्कॉलरशिप केवल सितंबर 2025 में शुरू होने वाले कोर्स के लिए मान्य है, डिफर नहीं की जा सकती।
- छात्रों को यूके में रहने, वीज़ा और यात्रा खर्च के लिए पर्याप्त धनराशि दिखानी होगी।
- 1 नवंबर 2025 तक पहली वर्ष की ट्यूशन फीस पूरी जमा करनी होगी।
- कोर्स बीच में छोड़ने पर स्कॉलरशिप रद्द हो जाएगी।
- चयनित छात्रों को यूनिवर्सिटी के प्रचार-प्रसार में सहयोग करना होगा।
अंतिम तिथि
- आवेदन की अंतिम तिथि: 31 मई 2025।
अगर आप भारतीय छात्र हैं और यूके में उच्च शिक्षा का सपना देख रहे हैं, तो यह स्कॉलरशिप आपके लिए सुनहरा अवसर है।
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नॉर्वे में पढ़ाई के लिए 3 बेहतरीन स्कॉलरशिप: 4 लाख स्टाइपेंड, फुल फीस माफी

विदेश में पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों के लिए नॉर्वे एक शानदार विकल्प बनकर उभरा है। यहां की टॉप यूनिवर्सिटीज में कई ऐसी स्कॉलरशिप्स उपलब्ध हैं, जिनसे न सिर्फ ट्यूशन फीस माफ होती है, बल्कि रहने के लिए स्टाइपेंड भी मिलता है। जानिए नॉर्वे की 3 प्रमुख स्कॉलरशिप्स के बारे में, जिनसे आपका विदेश में पढ़ाई का सपना साकार हो सकता है।


BI प्रेसिडेंशियल स्कॉलरशिप (BI Presidential Scholarship)
- देने वाला: BI Norwegian Business School
- कोर्स: मास्टर डिग्री (2 साल)
- लाभ: पूरी ट्यूशन फीस माफ, 50,000 NOK (लगभग 4 लाख रुपये) प्रति सेमेस्टर स्टाइपेंड
- योग्यता: उत्कृष्ट अकादमिक रिकॉर्ड, लीडरशिप, GMAT/GRE स्कोर, अंतरराष्ट्रीय छात्र
- अंतिम तिथि: 1 मार्च 2025
NORAM स्कॉलरशिप
- देने वाला: Norway-America Association (NORAM)
- कोर्स: मास्टर/एक्सचेंज प्रोग्राम (कम से कम 3 महीने)
- लाभ: 10,000–40,000 NOK (80,000–3.25 लाख रुपये)
- योग्यता: अमेरिकी छात्र, रिसर्च विषय और जरूरत आधारित
- शर्त: फुल टाइम या एक्सचेंज प्रोग्राम
Erasmus+ स्कॉलरशिप
- देने वाला: यूरोपीय यूनियन
- कोर्स: बैचलर, मास्टर, पोस्टग्रेजुएट
- लाभ: ट्यूशन, यात्रा, रहने का खर्च (3–12 महीने)
- योग्यता: पार्टनर देशों के छात्र, अपने इंस्टिट्यूट के जरिए आवेदन
नॉर्वे क्यों चुनें?
- ट्यूशन फीस: कई पब्लिक यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए फ्री या स्कॉलरशिप से माफ
- IELTS/TOEFL: कई स्कॉलरशिप में अनिवार्य नहीं, अगर पिछली डिग्री इंग्लिश मीडियम से है
- शिक्षा: ग्लोबल स्तर की शिक्षा, इंटरनेशनल करियर के मौके
अगर आप फुल फंडेड स्कॉलरशिप, फीस माफी और स्टाइपेंड के साथ खूबसूरत नॉर्वे में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो ये तीन स्कॉलरशिप्स आपके लिए बेहतरीन हैं। समय रहते आवेदन करें और अपने सपनों को उड़ान दें।
एडमिशन
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में पार्ट टाइम और फुल टाइम पीएचडी एडमिशन

डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने इस वर्ष पहली बार पार्ट टाइम पीएचडी प्रोग्राम शुरू किया है। इसके साथ ही फुल टाइम पीएचडी के लिए भी आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बार कुल 20 विषयों में पीएचडी की 250 सीटों पर एडमिशन के लिए आवेदन मांगे गए हैं।


image credit : navbharattimes.com
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदन फॉर्म: विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध
- अंतिम तिथि: 13 अप्रैल 2025
- विकल्प: आवेदन के समय ही पार्ट टाइम/फुल टाइम चुनना अनिवार्य
पार्ट टाइम पीएचडी की खासियत
- वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए: काम के साथ पीएचडी का मौका

- UGC गाइडलाइन: अब अन्य विश्वविद्यालयों में भी शुरू हो रही है
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में इस बार पार्ट टाइम और फुल टाइम दोनों तरह की पीएचडी के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पार्ट टाइम पीएचडी के लिए भी UGC-NET अनिवार्य है, जिससे वर्किंग प्रोफेशनल्स को बड़ा फायदा मिलेगा। विदेशी छात्रों के लिए भी विशेष सीटें आरक्षित की गई हैं, और चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और योग्यता आधारित है।
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